Friday, September 12, 2008

पालीथिन पर लगे प्रतिबंध

पालीथिन पर लगे प्रतिबंध : सावित्री पी.डी.एफ़ छापें ई-मेल
इस के लेख़क हैं Radha
सोमवार , 04 अगस्त 2008

हिसार: देश में गाय को पालीथिन की समस्या से निजात दिलाने के लिए उसे हमेशा के लिए बंद कर देना चाहिए। यह बात राजस्व मंत्री एवं गौ सेवा समिति की संरक्षिका सावित्री जिंदल ने देवी भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। वहीं समिति के संरक्षक नंद किशोर गोयंका ने सरकार ने राजकीय पशुधन फार्म की जमीन को गौ सदन के लिए मांग की है।

देवी भवन में गौ सेवा समिति की ओर से उच्च न्यायालय के गौ के लिए गौशालाओं के लिए पैसे देने के फैसला का स्वागत करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। श्रीमती जिंदल ने कहा कि आज देश में पालीथिन पर बैन होना चाहिए। क्योंकि गाय पालीथिन को खाती है तथा वह उनको नुकसान पहुंचाता है। लोगों को भी चाहिए वह पालीथिन का प्रयोग न करें तथा उसे सड़क पर न फेंकें। उन्होंने कहा कि गाय में करोड़ों देवी देवता का वास है, यदि मनुष्य गाय की पूजा करता है तो वह देवी देवता की पूजा के ही समान है। राजस्व मंत्री ने उच्च न्यायालय के पंजीकृत गौशाला को 15 रुपये प्रति गाय देने के फैसले का स्वागत किया है। वहीं उन्होंने कहा कि जो लोग गाय को बेसहारा कहते है वह बेसहारा नहीं है। गाय को लेकर तो प्रदेश के मुख्यमंत्री भी गंभीर है तथा वह इसको लेकर कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि गाय को लेकर गौ सेवा समिति की ओर से पहले भी अभियान चलाया गया था तथा अभी अभियान चलाए जा रहा है।

गौ सेवा समिति के संरक्षक नंद किशोर गोयंका ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सिरसा रोड पर पड़ी राजकीय पशुधन फार्म की करीब 900 एकड़ जमीन को उन्हे लीज पर दी जाए। उन्होंने कहा कि इसको लेकर जल्द ही हिसार में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें उच्च न्यायालय के फैसले को प्रदेश में जल्द से जल्द लागू करने तथा जमीन को लेकर मांग की जाएगी। समिति के उप प्रधान राकेश अग्रवाल ने कहा कि यदि सरकार से जमीन मिलती है तो इस पर गाय की ब्रीड को सुधारने तथा नई-नई ब्रीड को तैयार की जाएंगी। इस दौरान देवी भवन से पूरे शहर में गौ सेवा समिति की ओर से यात्रा भी निकाली गई। इस अवसर पर कांफेड चेयरमैन बजरंग दास गर्ग, राहुल तायल, वेद रावल, सुशीला शर्मा, जगदीश जिंदल, गौरी शंकर अत्री, सुखदेव अग्रवाल, रमेश, एमसी गोयल, मंजू अरोड़ा, हरि ओम अत्री, पंकज महता, अरविंद खरींटा, स्वामी धर्म देव सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

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