Wednesday, March 4, 2009

श्री नारायण सेवा परिवार व् फौडेशन फॉर कॉम्मन मेन संगठन का संयुक्त आयोजन

27 February 2009
श्री नारायण सेवा परिवार व् फौडेशन फॉर कॉम्मन मेन संगठन का संयुक्त आयोजन

साथियो

आगामी ८ तारीख को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के सौ वर्ष पूरे हो रहे है। इन वर्षो में महिलाओ की सामाजिक , आर्थिक और राजनैतिक स्थिति में व्यापक परिवर्तन आया है। काम के घंटो को १६ से १२ करने की मांग को लेकर शुरू हुआ यह आन्दोलन तमाम पडावो को पार कर आज उस जगह पर पहुँच गया है कि सँवैधानिक स्तर पर अनेक क्रान्तिकारी परिवर्तन दिखायी देते हैं , परन्तु सामाजिक स्तर पर भेदभाव अब भी ज़ारी हैं। साथ ही महिला मुक्ति का प्रश्न आज भी बेहद उलझा हुआ है। विशुद्ध रूप से इसे आर्थिक मुक्ति से लेकर देह को इसका उत्स मानने वाले अनेक लोग अपने अपने तर्कों के साथ परिदृश्य पर मौज़ूद हैं। साथ ही एनजीओ के सतत विस्तार ने भी इसे अपने तरीक़े से प्रभावित किया है।

इन सबके बीच आज कहाँ है दुनिया मे औरत? बाज़ार के सर्वग्रासी विस्तार के बीच उसकी मुक्ति का सवाल अब किस रूप मे उपस्थित है? और इसकी राह किधर है?

इन्ही सब सवालों के इर्दगिर्द श्री नारायण सेवा परिवार ने व् फौडेशन फॉर कॉम्मन मेन संगठन के साथ मिलकर आगामी ७ मार्च को एक खुली बहस का आयोजन किया है। शाम चार बजे से police headquarter स्थित lala ramcharn aggarwal choke मे आयोजित इस कार्यक्रम मे दिल्ली के जाने माने समाज सेवक श्री प्रह्लाद कुमार अग्गार्वल श्री रेयाजुदीन श्री शातरी जी श्री मति ओम वती जी शराफत खान प्रमुख भागीदारी होगी और अध्यक्षता नाजमा खान करेंगी ।


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श्री अब्दुल समद और नेत्रपाल सिंह

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